देश के वस्तुगत एवं सेवाओं के
निर्यातों को गति प्रदान कर वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए
अगले पाँच वर्षों के लिए (2015 से 2020) विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy-FTP) की घोषणा सरकार ने 1 अप्रैल, 2015 को की है। वाणिज्य एवं उद्योग
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की।
इस पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति
में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन करने और
प्रधानमंत्री के ‘मेक इन
इंडिया’ विजन को
ध्यान में रखते हुए देश में मूल्य संवर्द्धन को नई गति प्रदान करने की रूपरेखा का
जिक्र किया गया है। इसके विदेश व्यापार नीति के महत्वपूर्ण बिन्दू निम्न प्रकार से
है–
विदेश व्यापार नीति 2015-20 :
मुख्य
बिन्दु
● वस्तुगत निर्यातों को प्रोत्साहित
करने के लिए पहले से चल रही पाँच योजनाओं-फोकस प्रोडक्ट स्कीम, मार्केट लिंक्ड फोकस प्रोडक्ट
स्कीम, फोकस
मार्केट स्कीम, एग्री
इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्सेंटिव स्कीम, वीकेयीजूवाई का नई प्रस्तावित
एमईआईएस (MEIS) योजना में विलय।
● अधिसूचित उत्पादों के अधिसूचित
बाजारों (देशों) में निर्यात के लिए MEIS के तहत् देय पुरस्कार निर्यात के fob मूल्य की प्राप्ति के प्रतिशत के
रूप में विदेशी मुद्रा में ही देय होगा। सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए
सर्व्ड फ्रॉम इंडिया स्कीम (SFIS) के स्थान पर नई सर्विस एक्सप्रोट्र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (SFIS) लाई गई। नई SFIS योजना भारतीय सेवा प्रादाताओं (Indian
Service Providers) की बजाय भारत से सेवा प्रादाताओं (Service Providers located
in India) पर लागू
होगी। इसके तहत् देय पुरस्कार राशि निर्यातित सेवा से अर्जित निवल विदेशी मुद्रा
के आधार पर देय होगी।
● पूँजीगत सामान घरेलू उत्पादों से
ही खरीदने की स्थिति में ईपीसीजी योजना के तहत् निर्यात दायित्व 90 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत किया गया. इससे ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा मिलेगा।
● पूँजीगत सामान के देश में ही
उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ईपीसीजी अथॉराइजेशन योजना के तहत् किए गए आयातों को
एण्टी डम्पिंग ड्यूटी सेफगार्ड ड्यूटी व ट्रांजिशनल प्रोडक्ट स्पेसिफिक सेफगार्ड
ड्यूटी से छूट नहीं दी जाएगी।
● कारोबारी दशाएं आसान करने के लिए
अधिकांश आवेदन व अन्तरमंत्रालयिक कार्यवाहियाँ 24 × 7 घण्टे ऑनलाइन करने की सुविधा।
● एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट व
निर्यात गृहों के लिए विशेष सुविधाएं।
● एडवांस अथॉराइजेशन के तहत् किए गए
आयात भी अब ट्रांजिशनल प्रोडक्ट स्पेसिफिक सेफगार्ड ड्यूटी।
● कालीकट एयरपोर्ट (केरल) व अराकोणम
आईसीडी (तमिलनाडु) भी अब आयात व निर्यात के लिए पंजीकृत पोट्र्स के रूप में
अधिसूचित।
● 33 शहरों का टाउंस ऑफ एक्सपोर्ट
एक्सीलेंस के रूप में अभी तक अधिसूचित थे। दो अन्य शहर-विशाखापत्तनम व भीमारवम
(आन्ध्र प्रदेश) इस सूची में जोड़े गए हैं।
● 33 लीस्ट डेवलप्ड कंट्रीज (LDCs) के लिए लागू ड्यूटी फ्री टैरिफ
प्रिफरेंस (DFTP) स्कीम को अब विदेश व्यापार नीति के तहत् अधिसूचित किया गया।
● निर्यात के मामले में बेहतर
निष्पादन करने वाली इकाइयों को एक्सपोर्ट हाउस, स्टार एक्सपोर्ट हाउस, ट्रेडिंग हाउस, स्टार ट्रेडिंग हाउस, प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस आदि दर्जे
अभी तक प्रदान किए जाते थे। इस वर्गीकरण को समाप्त कर आगे से वन, टू, थ्री, फोर व फाइव स्टार एक्सपोर्ट हाउस
के दर्जे दिए जाएंगे। इसके लिए निर्यात प्राप्तियों का रुपए के स्थान पर डॉलर
मूल्य में आकलन होगा. चालू वर्ष व पिछले 2 वर्षों में 30 लाख डॉलर की निर्यात प्राप्तियों
पर वन स्टार, 2.50 करोड़ डॉलर की निर्यात प्राप्तियों पर टू स्टार, 10 करोड़ डॉलर की निर्यात
प्राप्तियों पर थ्री स्टार, 50 करोड़ डॉलर की निर्यात प्राप्तियों पर फोर स्टार तथा 200 करोड़ डॉलर की निर्यात
प्राप्तियों पर फाइव स्टार एक्सपोर्ट हाउस का दर्जा।
 
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